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रविवार, 11 अप्रैल 2021

अनछुए पन्ने(&)

अभी इतिहास केअनछुए पन्ने हैं बाकी।
  कुछ सवालों के जबाब ढूढने हैं बाकी।
   राष्ट्रभक्तों से इतिहास यहां भरा पड़ा है,
    उनकी राष्ट्रभक्ति के प्रमाण ढूंढ़ने हैं बाकी।

सोने की चिड़ियां भारत की सुनी कहानी।
  देशी हुकमरानों ने लूटी इसकी जवानी।
    मुकद्दर बेच शहनशाह होने की ख्वाहिश, 
       लुट गई विरासत हमको मिली  गुलामी।

सदियों से गुलामी की जंजीरों में जकड़े।
  जातियों की ऐंठन में अभीतक हैंअकड़े।
   आजादी की जंग में नहीं धर्म जात देखी,
     मगर इतिहास में कुछ रह गये हैं पिछड़े।

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