जो भटक रहे हैं अंधेरों में, थोड़ी रोशनी उन्हें मिले।
कुपथ त्याग कर जीवन में सब सत्य की राह चले।
रूढ़िवाद का अन्त कर,समतामय बन्धुत्व उदय हो।
हर दिवस जन जन काअब, पल पल मंगलमय हो।
जागृत हो संवेदनाऐं, सबको सबका स्नेह मिले।
वंचित रहे न कोई अब, सबको ही सम्मान मिले।
जाति,धर्म,पाखंड मिटा,बुद्ध सा कोमल हृदय हो।
हर दिवस जन जन का, हर पल पल मंगलमय हो।
राग द्वेष विकार न हों,करुणा भाव प्रवाह रहे।
सम्यक दृष्टि हो, जीवन में सतत उल्लास रहे।
जीवन के संघर्षों में,वंचित की सदा विजय हो।
हर दिवस जन जन का, पल पल मंगलमय हो।
कुपथ त्याग कर जीवन में सब सत्य की राह चले।
रूढ़िवाद का अन्त कर,समतामय बन्धुत्व उदय हो।
हर दिवस जन जन काअब, पल पल मंगलमय हो।
जागृत हो संवेदनाऐं, सबको सबका स्नेह मिले।
वंचित रहे न कोई अब, सबको ही सम्मान मिले।
जाति,धर्म,पाखंड मिटा,बुद्ध सा कोमल हृदय हो।
हर दिवस जन जन का, हर पल पल मंगलमय हो।
राग द्वेष विकार न हों,करुणा भाव प्रवाह रहे।
सम्यक दृष्टि हो, जीवन में सतत उल्लास रहे।
जीवन के संघर्षों में,वंचित की सदा विजय हो।
हर दिवस जन जन का, पल पल मंगलमय हो।