भीड़ तो बहुत थी परन्तु वे नहीं थे ।
नेता जी के भाषणों में मुद्दे नहीं थे।
ऊॅगते लोगों से सुना कि हद हो गई,
उत्तराखंड की कहीं तस्वीर खो गई ।
पास हैं डिग्रियाॅ फौज बेरोजगारों की,
शरम है बदनियती पर सरकारों की।
बहुत हुई बरगलाने की बातें अब तक,
अब लूटने की साजिशें हैं पहरेदारों की।
ये सलाम है उनको जो जंग लड़ते हैं।
परिवर्तन के लिए हमेशा संग रहते हैं।