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रविवार, 13 फ़रवरी 2022

हाल एक चुनाव

भीड़ तो बहुत थी परन्तु वे नहीं थे ।
नेता जी के भाषणों में मुद्दे नहीं थे।
ऊॅगते लोगों से सुना कि हद हो गई, 
उत्तराखंड की कहीं तस्वीर खो गई ।

पास हैं डिग्रियाॅ फौज बेरोजगारों की,
शरम है बदनियती पर सरकारों की।
बहुत हुई बरगलाने की बातें अब तक,
अब लूटने की साजिशें हैं पहरेदारों की। 

ये सलाम है उनको जो जंग लड़ते हैं।
परिवर्तन के लिए हमेशा संग रहते हैं।

कांटों से डरो नहीं

फूलों का गर शौक हैतो  काटों से डर कैसा। इरादा मजबूत हैतो  ख्याल ये मुकद्दर कैसा। कभी धूप कभी छांव रहा करती जिन्दगी में, साथ न हो हमसफ़र का त...