पता नहीं कब सुबह शाम होती हैं।
मैं मुहब्बत दिल से करता हूँ उनसे,
तभी हर नजर उनके नाम होती है।
ख्यालआता है जब भी उनका हमें,
नियत हमारी बड़ी बदनाम होती है।
उन्होंने भुला दिया तो क्या हो गया,
हर कविता तो उनके नाम होती है।
उनके बिछुड़ने का गम भी इतना है,
हर सड़क यहां की सुनसान होती है।