सार्थक सोच है जिनकी,
उन्हींको वो खुशी मिलती।
जमीं हो धूल सीसे में,
कभी सूरत नहीं दिखती।
कोई खोजे शिलाओं में,
ये कोई भावनाओं में।
तलाशी हैं मैंने खुशियाँ,
सभी संभावनाओं में।
खुशी से आंकते हैं हम,
अपना मूल्य जीवन का।
खुशियां बांट ली जिनको,
खुशी में प्यार है उनका।
ये जीवन प्रेम की सरिता,
इसे अविरल बहने दो।
किसी की राह मत रोको,
खुशी के फूल खिलने दो।
खुशी दिखती जहां हमको,
वहीं तो प्रेम है समझो।
प्रेम के बिना जीवन,
पूरा वीरान ही समझो।
दिया है स्नेह जो हमने-
उसी से तो हुआ स्नेही,
उसी के पास खुशियों का,
बड़ा भंडार तुम समझो।