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बुधवार, 3 अप्रैल 2019

जंग ए चुनाव


जंगे ए चुनाव में हर तरफ होती वोट की चर्चा।
जलसों नुक्कड़ नाटकों पर नेता करते हैं खर्चा।
जीत किसकी होगी यह तो कोई नहीं जानता,
हर कोई हाथ पर थमा देताअपने नाम का पर्चा।

हुनरमंद हो गये होते यदि मेरे शहर के मतदाता,
तो चाय -पानी के झांसे में वह कभी नहीं आता ।
वह सुनता सबकी पर बात अपने मन की करता,
अगर समझदार हो गया होता शहर का मतदाता।

जंग ए चुनाव का मौसम जब भी इधर आता।
उधर शहर में रंजिशों का हर द्वार  खुल जाता।
बहुत मासूम और भोले,होते हैं गांव मतदाता,
नेताओं के चक्रव्यूह में वह फंस कर रह जाता।

जंग ए चुनाव में सबका सजग रहना बेहतर है।
सबकोअपने वोट की कीमत समझना श्रेष्ठतर है।
मतदान हो योग्यता से नेतृत्व सही हाथों में जाए,
कभी नहीं हो सकता कि ये लोकतंत्र खतरे में है।

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