है चुनौती जिंदगी,स्वीकार करनी चाहिए।
पैरों में हैं बेड़ियाँ इनसे हैं हम जकड़े हुए।
जालसाजों की टेढ़ी,दुम को हैं पकड़े हुए।
होगया है येउजालाआँख खुलनी चाहिए।
जिंदगी है जंग तो ये जंग लड़नी चाहिए।
खाते आए ठोकरें ये दुत्कार सहते आ रहे।
बंधुवा मजदूर उनके हैं काम करते आ रहे।
स्वाभिमानी हो गये तो जंग लड़नी चाहिए।
है चुनौती जिंदगी स्वीकार करनी चाहिए।
जिसके हाथों में कलम हैआगे बढ़ते वो रहे।
भाग्यऔर भगवान के पीछे भरोसे हम रहे।
हो गए आजाद तो नयी बात करनी चाहिए।
है चुनौती जिंदगी स्वीकार करनी चाहिए।
जिंदगी है जंग तो अब जंग लड़नी चाहिए ।
है चुनौती जिंदगी स्वीकार करनी चाहिए।
@स्नेही