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सोमवार, 16 सितंबर 2019

#ई.वी.रामास्वामी पेरियार

हे ई वी रामास्वामी पेरियार ,
  तुम पाखंड को करते तार तार।
    मानवता के तुम जीवंत प्राण,
       करते अंधविश्वासों पर तुम प्रहार।
           तुम संघर्षों के पथ आगे चलते,
            तर्कों से करते सत्य उजागर ।
              नव भारत के नव सृजन का तुम,
                अभिनंदन करते शीश झुकाकर।
तुम कहते क्यों जुल्म सहते हो,
       पाखंड भरे मनु ग्रंथ पढ़ते हो।
         पत्थर को नतमस्तक हो करके,
          तुम क्यों शीश झुकाया करते हो।
             जाति धर्म की पोषित गैर बराबरी,
                 हैं मानव विकास की बाधाऐं।
                  ईश्वर का आडम्बर रचकर लिख दी,
                    काल्पनिक पुराणों की गाथाऐं।
शिक्षित हो तो तर्क करो तुम ।
    इन्सानों में न कभी फर्क करो तुम।
        केवल कर्म ही पूजा है यहां,
          निज हक के लिए संघर्ष करो तुम।
             तुम निर्भय हो तुम अमर हो,
                अवरोध मुक्त जीवन सफर हो।
                  अग्निमय संकल्प ले कर बढ़ो,
                    तुम पर पाखंडी का असर न हो।

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