अशोजक दिन कामक चुट,
थाकि जानी हमर हाथखुट
काम पारि जुटी मैंस हैंणि,
बस एक घुटुक चहा चैंछ।
धान बतौहैंणि हवा चैंछ।
बिमार पड़ गय दवा चैंछ।
भट,गहत,मास,मडू झुंगर,
कतुक भौल छा इनर दगड़।
रत धानुक खुशबू क्य भौल-
ठंगरों पारि ककड़क फुल्यड़।
चार दिनक य रौंस य तौस कैं,
फिरि यकल पराणि चहा रैंछ।
धान बतौ हैंणि हवा चैंछ।
बिमार पड़ौ तब दवा चैंछ ।
थाकि जानी हमर हाथखुट
काम पारि जुटी मैंस हैंणि,
बस एक घुटुक चहा चैंछ।
धान बतौहैंणि हवा चैंछ।
बिमार पड़ गय दवा चैंछ।
भट,गहत,मास,मडू झुंगर,
कतुक भौल छा इनर दगड़।
रत धानुक खुशबू क्य भौल-
ठंगरों पारि ककड़क फुल्यड़।
चार दिनक य रौंस य तौस कैं,
फिरि यकल पराणि चहा रैंछ।
धान बतौ हैंणि हवा चैंछ।
बिमार पड़ौ तब दवा चैंछ ।
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