सुबह देखा,
आज बडी़ भीड़ थी,
चौराहे पर ।
शायद बच्चे,
स्कूल जाने लगे हैं,
अब फिर से ।
स्कूल की बस,
चौराहे पर रुकी,
रामू उतरा।
बच्चे बस में,
सावधानी से चढ़े,
चलते बने।
फूलों का गर शौक हैतो काटों से डर कैसा। इरादा मजबूत हैतो ख्याल ये मुकद्दर कैसा। कभी धूप कभी छांव रहा करती जिन्दगी में, साथ न हो हमसफ़र का त...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें