इज ज्यौनजियक आधार छा।
इज लिबै सुखी परिवार छा।
इज छा, तौ बार त्योहार छा।
इज लिबै य दुनी संसार छा।
सब जग भ्यार-भतेर,आर-पार,
मान-सम्मान,एतिआदर सत्कार ।
उंण कुंण,बट-घट ,सब गौं गाड़ -
इजै लिबैजी छा एति ,खूब उदंकार।
इजै लिबेर छा हमरि दुनी संसार,
हमुकैं उनिकै देई छैं य संस्कार।
इज पारि एति कैक नि आनि अन्वार।
इजैकि महिमा छा सदाअपरम्पार।
इज आश छा,अटूट विश्वास छा।
सक सकानि मनक निशाश छा।
ह्यौंन में चटक घामैंकि ताति जसि,
गूड़क कटक दगै चहा गिलास छा।
मडुवा र् वट पिनाउक साग,
भटुक डुबुक, झुंगरक भात छा।
खीर, लापैसि,छोउ, कसार ,
इजै हाथोंक स्वाद औरी बात छा।
हाकक मंतर जुकै दवा इज-
ब्या काजोंक सगुनआंखर छा।
अणी जणी पौंण पछि ईष्ट मित्र,
अपणि इज गागर में सागर छा।
इज जात न पात हमरि थात छा।
उ समाज राष्ट्रीय एकता बात छा।
दूदक घटाक बुलाण दुदबोलि ,
बराबरीक क्या भल संवाद छा।
जी रहे इजा तू खूब दड़ मोटि रहे।
अपण आशीर्वाद हमुकैं दिनैं रहे।
ज्ञान विज्ञान भाषा दुनी कतू रचिल,
पर हम सब त्यर रहोंल त्यरै पछिल।
इजा तू अघिलअघिल हिटनै रहे।
कान पकडि दुदबोलि सिखानै रहे।
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