हम नयीं पुराणों पारि।
मैंस कस -कसआय,
पर सनातन क्वे निरहय।
क्वे काम करि गय,
क्वे क्वर फसक मारिगय।
गीत पैली जो नई हैनी,
उ भोव पुराण है जानी।
देखनै देखनै बखत कैं,
लोग तिथांण नै जानी।
बखतकआंखर जालि बांच,
बखत जालि जांच।
ऊ दुनी में बखतक
अपणि पछ्याण धरि जांछ।
तुम नयीं साल भेटनै रया,
भल स्वींण देखनैं रया।
तंदुरुस्त सुखी रया,
घर समाज में पूजनीय रया।
क्य नयीं क्य पुराण,
जो भौल-भौल वी समांण।
नौं साल हम सबुलै नवांण,
पुराण सबुलै तपांण।
आओ सब मिलिबेर आज,
खितखित कनैं हंसि ल्युल।
भोव जब कुतक्याइ लागलि,
तब दगडियों कैं याद कुल।
हम सब इसकै आज भोव,
कनै दिन काटनैं रहौंल।
दिन महैन साल रोजअपण ,
आंगुव में गणनै रहौंल।
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