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सोमवार, 28 नवंबर 2022

महात्मा फुले परिनिर्वाण

एक राह हमको सत्य की,
तुम  दिखाकर  चले गये।
माली से बन कर महात्मा।
ज्ञान  ज्योति  जला  गये,

नमन  हो  ज्योतिबा  फुले,
तुम्हें कोटि कोटि नमन हो।
भारत के महान राष्ट्र  पिता,
आपका यह अमर चमन हो।

कुरीतियों से जब ये समाज,
विकृत हो सिसक रहा था।
आदमी आदमी से यहाँ पर,
अछूत जान विदक रहा था।

बाल विवाह सती प्रथा से,
नारी  शोषण  हो  रहा था।
छुआ-छूत महा रोग से तब,
वो वंचित पीड़ित हो रहा था।

सत्य शोधक समाज बनाकर,
सबको आपस  में जोड़ा गये।
पत्नी  सावित्री बाई  के  संग,

समाज सुधारक लेखक तुम, 
महान दार्शनिक, शिक्षक हे।
आपके ज्ञान विज्ञान से अब,
भारत का बच्चा बच्चा जागे।




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