ऐतिहसिक छब्बीस नवम्बर,
है संविधान दिवस हमारा।
इसकी सुचिता संरक्षण को,
यह पावन संकल्प हमारा ।
नफ़रत न हो कभी दिलों में,
आपस में रहे ये भाई-चारा।
मानवता हो हृदय में सबके,
कहता है संविधान हमारा।
कैसे देश चले अपना यह,
कैसी व्यवस्था हो इसकी,
सबको हक मिले यहांपर,
जैसी योग्यता हो जिसकी।
हर हाथ को काम मिले व,
उचित काम के दाम मिले,
घर घर ढेरों खुशियों फैले,
डाली -डाली फूल खिले।
क्या हैं मूलअधिकार हमारे,
संविधान में है सब अंकित।
कर्तव्य हमारे निर्धारित हैं,
कोई न्याय से रहे न वंचित।
समता समानता बन्धुत्व पर,
आधारित संविधान हमारा।
राजनीतिक सामाजिक और-
आर्थिक न्याय से राष्ट्र संवारा।
संविधान के जनक आप हैं,
डाक्टर भीमराव अम्बेडकर।
कोटि कोटि नमन करते हैं,
चरणों में हम शीश झुकाकर।
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