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शुक्रवार, 12 अगस्त 2022

स्वतंत्रता दिवस

आज अपने राष्ट्र की,आओ उतारें आरती।
स्वतंत्रता के पर्व पर,तुमको है मां पुकारती।

चोट खाई हैं बहुत ये,दिल पे सारे जख्म हैं।
गुस्ताखियां दुश्मन की,मन में सारे दफ्न हैं।
अब नये युग के लिए बनना तुम्हें है सारथी।
स्वतंत्रता के पर्व पर तुमको  है मां पुकारती।

आज अपने  राष्ट्र की आओ उतारेंआरती।
स्वतंत्रता के पर्व पर तुमको है माँ पुकारती ।

जाति धर्मों की दीवारें हर तरफ हैं ये खड़ी।
गंदगी छुआछूत की भी है यहां पर ही पड़ी।
तोड़ने अवरोध होंगे आशीष दे मां भारती।
अब नये युग के लिए बनना तुम्हें है सारथी।

आज अपने  राष्ट्र की आओ उतारेंआरती।
स्वतंत्रता के पर्व पर तुमको है माँ पुकारती ।

देश भक्तों की हमेशा याद हों  कुर्बानियां।
इतिहास के पन्नों में हों,वोअमर कहानियां।
नफ़रत भरे आवेग से स्वतन्त्रता कराहती।
अब नये युग के लिए बनना तुम्हें है सारथी।

आज अपने  राष्ट्र की आओ उतारेंआरती।
स्वतंत्रता के पर्व पर तुमको है माँ पुकारती ।


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