आओ कर लें अभिनंदन।
प्रेम प्रतीक भाईबहन का,
ये पर्व हमारा रक्षा बंधन।
जाति-धर्म से ऊपर उठ के,
हों बराबरी के पर्व सभी।
स्वाभिमान के साथ खड़े हों,
जागरुक नागरिक सभी।
बड़ा महान है भारत मेरा,
हर भारतवासी का वंदन।
राखी का त्योहार आ गया,
आओ कर लें अभिनंदन।
अबतो भारत स्वतंत्र हो गया,
दफ्न हो गये राजा रानी।
उपनिवेश काल भी नहीं रहा,
अब नहीं किसी की मनमानी।
जनता ही अब राजा हो गई ,
जनता का ही हो वन्दन।
राखी का त्यौहार आ गया,
आओ कर लें अभिनंदन ।
सदियों से वो सुनती आई,
बेचारी केवल अबला है।
शोषित वंचित भले लाचारी,
परिवार उसी से संभला है।
संविधान से मिला उसे ये,
समानता का स्वर्णिम कंगन।
राखी का त्योहार आ गया,
आओ कर लें अभिनंदन।
राखी बांधने आज आई है,
बहना देखो सबला बनकर।
अब कहती आत्मविश्वास से,
बांधेंगे राखी हमसब परस्पर।
बहना को कष्ट हुआ अगर,
ये राखी याद दिलाएगी।
मुश्किल में हो भाई गर तो,
वो बहना दौड़े आयेगी।
भाई बहन के हृदय में अब,
हो नव युग नव प्रेम स्पन्दन।
राखी का त्यौहार आया है,
आओ कर लें अभिनंदन।
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