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रविवार, 29 मार्च 2020

#सन्नाटा क्यों है...(पी )


""""""सन्नाटा पसरा है """"
जहां चहल-पहल रहती थी,वहांं ये सन्नाटा पसरा है।
लोगों के दिल में आज कहीं,सदमा ज्यादा गहरा है।
जो तारे रात में दिखते थे,अब वो दिन में दिखते हैं।
सुनसान शहर की सड़कों पर,इक्के-दुक्के मिलते हैं।
जो सपने रात में आते थे,अब दिन मेंआया करते हैं।
आखों में निंदियाआने को,अब गोली खाया करते है

कोरोना क्या हकीकत है या कोई मन का सपना है।
जो भी है वह एक चुनौती है,उससे हमको लड़ना है।
जो डरा है वही मरा है उसने इतिहास कहां लिखा है।
बदल रहा हो कालचक्र फिर वो कायर कहां टिका है।
कोरोना महामारी देश से,ये देश की जनता दूर करेगी।
स्वस्फूर्त जनता को करके,तब जनता की जान बचेगी।

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