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रविवार, 22 मार्च 2020

#कैसि बला छा(7)

गौं गुज्यर गलि शहर,बखत य सुनसान हैरौ।
दुनी में फैली महामारी, कोरोना भ्यार  भैरौ।
लोग बाग छैं चितौव,युं शंक घंटों कैं बजामी।
घर में घुसी घुसपैठी कें, तन्तर मन्तर लगामी।

डाक्टरों की राय छा , लसर पसर न करिया।
द्वी चार दिन मोहरिम बै, नजर भ्यार धरिया।
गौं गुज्यर गलि शहर कब तक सुनसान रैंल।
नजर बन्द छैं घरों में,भोव हैंणि ऊंभ्यारै ऐंल।

कभैं हार नि मानि हो,मिलबै अब जंग लड़ुल।
घुस पैठी कोरोना,त्यर जड़ों कैं हम उखाड़ुल।
त्यर जस कई  बार -बला हमू पारि  आई छा।
कमर बांधि बै दगड़ि ,हमुल लड़ाई  लड़ी छा।

य कोरोना महा बला,आज भ्यार बै पसरी रौ। 
इथैं उथैं जरा देखो कति,उ कोरोना   ठड़ी रौ।  
सबुकैं  है रै  फिकर। भ्यार भितेरक लोगों कैं।
भगवानों कैं भूलि गई को लगां उनर भोगों कैं। 

मंदिर मस्जिद बन्द औसान ऐरौ भगवानों कैं।
राहू केतु शनि लागी देखण लागी श्मशानों कैं।
बीमारी जोआज फैलि रौ,दुनी बतामों कोरोना। 
अब को लगां तन्तर मन्तर को  टुट का  टोना।

अपण सफाई अपण हाथ, हाथों कैं तुम धोना।
अपण घर कैं बैठी रौ,आफी भाजौल कोरोना।
सावधान रहौ घरों में,भ्यार पसरि रौ कोरोना।
दस बीस दिन घर रहौ ,तुम  जरा लै डरो ना।







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