यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 12 दिसंबर 2022

यादों में आती रहो

मेरे शब्दों को तुम गुनगुनाती रहो। 
सुरों से  मधुर राग अलापती रहो।

मेरी ये धड़कन तुम्हारा ऐहसास है,
तुम यूँ धड़कन बन मुस्कुराती रहो। 

प्यार की धड़कनों में कभी दर्द हो।
तुम धड़कन पे नया गीत गाती रहो। 
 
तन्हाइयों  में गर भूल भी जाऊं तो,
तुम हमेशा मेरी यादों में आती रहो।

कुछ तो थी बात गुजरे हुए जमाने में,
हमको जमाने की याद दिलाती रहो।

मैं चलता  रहूँ हमेशा जीवन पथ पर,
तुम साया  बनकर  पीछे आती रहो।

कोई टिप्पणी नहीं:

कांटों से डरो नहीं

फूलों का गर शौक हैतो  काटों से डर कैसा। इरादा मजबूत हैतो  ख्याल ये मुकद्दर कैसा। कभी धूप कभी छांव रहा करती जिन्दगी में, साथ न हो हमसफ़र का त...