मुक्ति का बोध हो जिससे वह पथअच्छा।
मुश्किलों में साथ दे जो वही मित्र सच्चा।
रूढ़िवादी बने रहना अज्ञानता है हमारी,
नये युग में खुद का बदल जानाअच्छा।
काम से कभी न कोई छोटा,बड़ा होता,
काम की सम्यकता खुद जानना अच्छा।
सरकारी नौकरियां तोअब मिलने से रही,
अब तो खुद शिल्पकार हो जाना अच्छा।
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