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रविवार, 5 सितंबर 2021

कुशाग्री

कुसुम  की हो तुम सुरभि पहचान,
सम्यकता लिए हो स्नेहिल वितान।
यह मुस्कुराना है तुम्हारी हकीकत,
तुम्हारी राह हों यूं ज्ञान से विज्ञान।

शालीनता  में तुम सदा आगे रहो,
जीवन में सदा फूल ‌‌‌‌‌‌‌‌सी मुस्कुराओ।
स्वागत करो हर पल हर खुशी का.
हर खुशी को लक्ष्य तक ले जाओ।

ग्रीष्म वर्षा शरद है ऋतु तुम्हारी हो,
जीवन में  सदा विजय  तुम्हारी हो।
मेरा आशीर्वाद मेरी सद्भावनाऐं हैं,
यह  जन्मदिन तुमको मुबारक हो।


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