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सोमवार, 6 अप्रैल 2020

#बेई रात#नौ बजे

बेई रात !
नौ बजे,नौ मिनट 
बघतैलि नि मारि फटक।
भितेर अन्ह्यार,देहेम उज्याव।
एक मोमबत्ति ,हमुल लै बाव।
रजकि बात रजै ज्याणौ।
समझी कैं क्य समझाणौ।
एति इतू ठुलि दुनी में- 
हमुल मनखी द्वीऐ देखी।
एक ज्यौन एक मरी-
हमुल इनरै किस्स लेखी।
एक हँसणी,एक रूणी ।
एक जागणी एक सींणी ।
काम कणी एक लुकणी।
एक  दीणी एक मांगणी।
एकैक जीत दूसरैकि हार।
फिरि लै द्वीऐ छैं लाचार।
भौल करला ,भौल हौल।
दूनी सारें तुमुकैं देखौल।
नौक करला नौक हौल, 
दुनी तुमु पारि थुकौल।
नौ बजे, नौ मिनट तक-
बेईरात एक स्वींण,नींद में।
मिलजुलि बै रहौ भागी- 
दिन कटनी उम्मीद में।

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