आज एक अद्भुत नजारा।
उतरकर आ गया मानो जमीं पर ,
नखत लिएआसमां सारा।
खड़े हैं लोग हाथ में दीपक लिए,
खोज रहे हैंअपने चैन को।
कोरोना महारोग व्यथित मन सोचते-
हैं गुजारनेऔर भी दिनरैन तो।
आज तो प्रमाण है अपने जीवन्त का,
और आगे हम लड़ेंगे ये लड़ाई।
हार नहीं मानेंगे जबतक सांस होगी,
एकता जन गण ने दिखाई।
नौ मिनट के बाद फिर से लौट आई,
रोशनी घरों में फिर सभी के।
शंख ध्वनि की पूर्णता के बाद फिर भी, -
कोरोना का भय मन में है अभी भी।
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