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बुधवार, 20 अप्रैल 2022

दूर हो अंधेरा

दूर हो अंधेरा उजाला हर पहर हो।
उल्लास भरा यह जीवन सफर हो।
प्रेम व बन्धुत्व के भाव हों हृदय में,
सफलता का प्रयास जीवन भर हो।

सब सम्मान से जीऐं और जीने  दें।
चमन में खूब सुन्दर फूल खिलने दें।
स्नेहिल भाव से सींचकर इस धरा में- 
सहिष्णुता के नये संस्कार पनपने दें।

जाग जाऐं वक्त पर चमन से प्यार करें।
सबके साथ भाईचारे का व्यवहार करें।
नफ़रत जो फैलाए आंगन में वतन के, 
उन दुश्मनों का हम सदा प्रतिकार करें।



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