आते हैं त्यौहार बहुत कुछ इनके हैं कुछ उनके हैं ।
देते हैं संदेश प्यार का त्यौहार भले ही जिनके हैं ।
धर्म एक है राष्ट्र एक है पंथ अनेकों हो सकते हैं ।
मानवता के लिए हम प्राण निछावर कर सकते हैं।
फिर क्यों नफरत क्यों ए झगड़े हमआपस करते हैं ।
धर्म जाति के तुच्छ अहंकार से भाई भाई लड़ते हैं ।
ईद दिवाली होली क्रिसमस और बैसाखी रक्षाबंधन ।
राष्ट्रीय पर्व हों सभी हमारे सभी करें हम अभिनन्दन ।
यह ब्लॉग खोजें
रविवार, 17 जून 2018
हमारा त्यौहार हमारा राष्ट्र
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कांटों से डरो नहीं
फूलों का गर शौक हैतो काटों से डर कैसा। इरादा मजबूत हैतो ख्याल ये मुकद्दर कैसा। कभी धूप कभी छांव रहा करती जिन्दगी में, साथ न हो हमसफ़र का त...
-
लोगों का सांसारिकआवागमन शाश्वत सत्य है।इसलिए सभी को जीवन में याद रखना सम्भव नहीं ।कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हमारे आदर्श होते हैं ह...
-
उत्तराखंड में शिल्पकारों के प्रेरणास्रोत रहे हैं स्वoरायबहादुर मुन्शी हरिप्रसाद टम्टा।वे सम्पूर्ण उत्तराखंड में ही नहीं,अपितु जहाॅ भी प्...
-
भारत रत्न बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अम्बेेेडकर के विचारों एवं सिद्धांतों से लैस मान्यवर काशीराम ने कारवां को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।उन...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें