तुम्हें देखा एक जमाना याद आया।
भूला हुआ वह खजाना यादआया।
तलाशने लगा मैं उन लम्हों को जब,
उनमें तुम्हारा मुस्कुराना याद आया।
यूं दुख तो बिछुड़ने का बहुत होता है।
ये मन भी कभी हंसता कभी रोता है।
बहुत से लोग मिलते हैं सफर में यूँ ही,
दर्दे एहशास कुछों का खास होता है।
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