तलि बाखई काकि जामें,हिट माठूं माठूं हम लै जौंल।
अलघत कैक भौजि कैक ब्वारि,कैक घरवाइ उठि रै,
चुनाव पारि पढ़ी-लिखी च्यल चेलियोंलऔंगाव किट रै।
हम द्वी,हमर द्वी छैं,य जनुल मानि ली वी चुनाव लड़मीं।
बेरोजगार लिखी पढी लौंड ऊं चुनावक जुगाड़ करमीं।
जिति जैंल जो चुनाव, भो उनर थानम द्यू हमलै बौंल।
पंचायती चुनाव है रैई,इजा हिट हम लै वोट दी औंल।
है रैआज कल यूं गौं पन, चार दिन चुनाउंक झरफर।
नि देखमय रौंसम एति, यूॅ कुतकी आँख दिन - द्योपर।
हिटन हिटनैं है जानी सब,यूं दगड़ी थाकि बेर अपरौ।
बेई मलि बाखईक बची दा, एति तलि भिड़ घुरी पड़ौ।
ऐलै फ्यर लै एकै परिवारम,द्वी द्वी झण चुनाव लड़मीं।
भ्यारक क्य कर सकनी,यां भितेरकैआपसमें झगड़मीं।
दिल्ली बै ऐरैं बल वोट दी हैंणि, हिटौ हमलै देखि औंल।
पंचायती चुनाव है रैई, हिट इजा हमलै वोट दी औंल।
कैक जीत हैली कैक हार यूं चुनावौंल बिगै रौ य पहाड़।
गौं घर है रैंई यां उजाड़,दिल्लीवाव उठानी नेता कैं ठाड़।
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