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सोमवार, 21 जनवरी 2019

#गणतंत्र दिवस

गांव गांव,शहर शहर,नारे आज गूंजते हैं।
राष्ट्रभक्त देश के,स्व संविधान  पूजते हैं
संविधान देश का,जो भीमराव लिख गये, 
उसी के सहारे ही तो, प्रजातंत्र ढूँढ़ते हैं।
               
          
मंत्र संविधान में ,समता समानता के ।
  भ्रष्टाचार अन्त को, हैं दंड विधान में।
    वंचितों को न्याय, शिक्षा का हक मिले,
     स्वतंत्रता के मंत्र सारे,रचे संविधान में।

गणतंत्र देश में,बस गण ही महान है ।
राजा नहीं कोई यहां,कोई भगवान है।
खान पान वेष भाषा,भले असमान हों,
आजादी सभी को,सर्व श्रेष्ठ संविधान है।
                    
     जन गण मन गाते,आज एक स्वर से-,
      राष्ट्र का पवित्र पर्व ,गणतंत्र अमर रहे।
       हाथ पे तिरंगा ध्वज,धम्म चक्र लहराते
       विश्व विजय को हम, कस ये कमर रहे।

आज भी हमारे बीच,ऐसे जयचंद हैं।
गणतंत्र के लिए जो,रच रहे द्वन्द्व हैं।
जात-पात धर्म की,राजनीति करते हैं,
मतदाताओं का चूसे,अब मकरन्द हैं।
   
संविधान की शपथ,आज लेंगे मिलकर,
    दुश्मनों का करें हम, मुकाबला डठकर।
     शांति अमन सदा,शान ए वतन की हो,
       फहरायेंगे तिरंगा, घरों से निकलकर ।

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