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मंगलवार, 21 अगस्त 2018

स्वतंत्रता सेनानी स्व.हरकराम आर्य

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व.हरकराम आर्य एक कर्मठ ,मेहनती एवं एक जुझारू व्यक्तित्व के धनी थे ।वे एक लम्बी उम्र 106वर्ष जीए।उनका जन्म 22 सितंबर 1881 को हुआ था ।उनके पिताजी का नाम पनीराम तथा माता जी का नाम श्रीमती मना देवी था।वे हमको जब अपने बारे में बताया करते थे तो अपने दादा जी कुतुबचंद का जिक्र अवश्य किया करते थे।वे बताते थे कि उनके पूर्वज कोटलिया थे जो गढ़वाल से यहाॅ  आये।यहाॅ तल्ला विरलगाॅव सल्ट आकर लोहारी करते थे ।उनके दादा व पिता जी अच्छे खासे सिद्ध हस्त लोहार थे। पिता स्व. पनीराम व माता मना देवी ने पांच पुत्र दो पुत्रियों को जन्म दिया था ।वे कहा करते थे कि उनकी बहिनें भाबर में रहती थी जो भैंसिये थे ।भाइयों में वे सबसे छोटे थे।सबसे बडे भाई दौलत राम फिर काली राम,  धनीराम हंसरामऔर सबसे छोटे हरकराम थे।हंसराम भी भाबर आ कर बस गये थे केवल चार भाई तल्ला विरलगाॅव सल्ट में रहकर लोहारगिरी करते थे।खेती-बाड़ी का काम बड़े भाई लोग संभाल लेते थे ।हरकराम स्कूल तो नहीं गये पर सामाजिक दर्शन को समझने लगे थे ।उनका मन घर पर नहीं लगता था।1918 के बाद उत्तराखंड में समाज में परिवर्तन का दौर चल रहा था एक ओर देश की आजादी के लिए लोग संघर्ष की राह पर चल रहे थे, दूसरी तरफ समाज में छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ खुलकर लोग आगे आ रहे थे।ऐसे समय पर युवा हरकराम कहाॅ चुप बैठने वालों में थे।दिनरात वे अपने साथियों के साथ जन जागरण के लिए संघर्ष कर रहे थे। कुमाऊ गढवाल मेंआर्य समाज सामाजिक कुरीतियों के लिए संघर्ष कर रही थी ।कुमाऊ में स्व.खुशीरामआर्य तथा गढ़वाल में स्वoजयानन्द भारती आर्य समाज में दीक्षित होकर प्रचार-प्रसार कर रहे थे ।शिल्पकार वर्ग जागरूक हो कर संगठित हो रहा था।जगह-जगह आर्यसमाजी प्रचारक यज्ञोपवीत करवा कर शिल्पकार वर्ग को हिन्दुत्व के लिए खड़ा कर रहे थे।वे उन्हें मूर्ति पूजा से अलग कर अन्धविश्वासों से भी मुक्त कर रहे थे।हरकराम जी भी खुशीरामआर्य के भक्त हो गये।आर्यसमाज के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने लगे ।यह काल जनेऊ आन्दोलन के रूप में एक ऐतिहासिक आन्दोलन हो गया।जगह-जगह सवर्ण वर्ग इस आन्दोलन के विरोध में खड़े होकर शिल्पकार वर्ग पर अत्याचार करने लगे ।खुशीरामआर्य जी इस विरोध का डठ कर सामना किया ।हरकराम जी बताते थे कि कई स्थानों पर सवर्णों का इतना विरोध था कि मारपीट मुकदमे बाजी भी बहुत हुई।वे बताते थे कि इन आन्दोलनों ने उनका जीवन ही बदल दिया।सल्ट में जहां भी कांग्रेसियों की बैठकें होती वे वहां रहते ।शिल्पकार समाज मेंअब वे लोगों के पुरोहित बन कर कर्मकांड किया करते।लोगों को सामाजिक कुरीतियों को दूर करने की शिक्षा दिया करते थे।1933 में उन्होंने अपना मकान बनवाया मकान में ईडा बारखाम के मिस्त्री भीमराम थे जिनका नाम आज भी मकान के पत्थर पर खुदा हुआ है।1942 में महात्मा गांधी के आह्वान पर सम्पूर्ण देश में पूर्ण स्वराज का आन्दोलन प्रारंभ हो गया ।यह आन्दोलन करो या मरो के साथ चला ।क्रांतिकारी हरकराम जी को भी गिरफ्तार किया गया ।अट्ठारह महीने जेल में रहे फिर उन्होंने समाज में रह कर समाज सुधार का कार्य किया ।
       स्व.हरकराम आर्य क्रांतिकारी थे वे सुधार की अपेक्षा परिवर्तन चाहते थे ।परिवर्तन के मूल्यों को उन्होंने स्वयं अपने जीवन में उतारा।"वे कहते थे कि हमें अपने को सुधारने की निरन्तर कोशिश करनी चाहिए"। समाज में व्याप्त सामाजिक बुराइयाॅ हमारे प्रयास से ही दूर होंगी।शादी विवाह के अवसरों पर मैंने उनको भाषण देते हुए देखा।वे लोगों को समझाया करते थे कि हमें कुरीतियों को छोड़ देना चाहिए ।धूम्रपान नशाखोरी से आदमी अपने स्वास्थ्य खोकर स्वाभिमान भी खो देता है।वे कभी मूर्ति पूजक नहीं रहे।जीवन के अन्तिम वर्षों में वे बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अम्बेेेडकर के विचार और बुद्ध के विचारों से प्रभावित थे।उनका मानना था कि उत्तराखंड में शिल्पकारों का डोली पालकी आंदोलन जनेऊ आंदोलन एक सशक्त आंदोलन रहा है ।इन आंदोलनों ने शिल्पकारों की दशा दिशा बदली।वे मानते थे कि आज अब अम्बेडकरी चेतना की आवश्यकता समाज को ज्यादा है।उनकी इच्छा थी कि वे अम्बेडकरी विचारधारा के साथ काम करें परन्तु स्वास्थ्य अब अनुकूल नहीं लग रहा था। 8 अक्टूबर  1986को स्वतंत्रता संग्राम सेनानीस्व.हरकराम आर्य का देहावसान हो गया।
       4 सितम्बर 2014को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व.हरकराम आर्य जी की मूर्ति विश्व कर्म शक्ति पीठ तल्ला विरलगाॅव सल्ट परिसर में स्थापित की गई  सल्ट विधायक मा.सुरेन्द्रसिंह जीना जी के द्वारा मूर्ति का अनावरण किया गया।अब प्रति वर्ष उनकी पुण्यतिथि पर विश्व कर्म शक्ति पीठ परिसर में बुद्ध  वंदना के साथ  मनाई जाती है।विगत कई वर्षों से 5सितम्बर सल्ट शहीद दिवस के पूर्व दिवस तल्ला विरलगाॅव में स्वंतंत्रता सेनानी हरकराम जी की मूर्ति की अनावरण तिधि मनाई गई ।माननीय विधायक जीना जी के प्रयास से विश्व कर्म शक्ति पीठ तल्ला विरलगाॅव सल्ट में" स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व.हरकराम  स्मारक" बनाया गया।आज मूर्ति अनावरण तिथि पर गांव के लोगों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व.हरकराम को कोटि-कोटि नमन कर श्रध्दांजलि अर्पित की गई ।

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