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गुरुवार, 16 अगस्त 2018

श्रद्धांजलि

तुम अटल, विश्वास अटल ,तुम्हारा ज्ञान अटल था ।
काल चक्र के साथ तुम्हारा हरअभियानसफल था।
तुम बढते गये निरन्तर,तुमने कभी हार नहीं मानी।
तुम मानवता से परिपूर्ण  थे निर्भीक स्वाभिमानी।
तुम जनप्रिय जन नायक नव युग प्रेरणा दायक थे।
जाति धर्म सम्प्रदाय से ऊपर राष्ट्र धर्म सहायक थे।
तुम कवि लेखक रचना धर्मी प्रखर वक्ता युगदृष्टाथे।
इस नवभारत निर्माण के तुम निर्भय अभिकर्ता थे।
हो गये आज तुम मौन! काल चक्र भी रुक गया है।
हे अटल !श्रद्धांजलि !ये राष्ट्रध्वज भी  झुक गया है।
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।  !      भावपूर्ण श्रद्धांजलि  !

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